सिनेमाई मंच पर India -. La Cina साथ-साथ da Yathavat Magazine

India-Cina युद्ध पर बनी Film 'Haqeeqat' 1965 में पर्दे पर आई थी, तब कौन सोच सकता था कि एक दिन Cina की Film नियामक संस्था India के साथ मिलकर Films बनाएगी

लेकिन, पिछले दिनों primo ministro Narendra Modi Cina की यात्रा पर थे, तब अचानक इस बाबत खबर आई. चीनी Film नियामक ने घोषणा की कि वह India के साथ मिलकर तीन Films बनाएगा.

फिलहाल यह तो नहीं बताया गया है कि इन तीन Films को किन जगहों पर फिल्माया जाएगा, लेकिन इस बात की सूचना आ रही है कि Cina और India के सहयोग से बनने वाली एक फिल्म 'kung fu yoga' के अभिनेताओं का चयन हो चुका है. इस Film में Bollywood के मशहूर Attore Amir Khan और Cina के famoso attore Jackie Chan साथ-साथ पर्दे पर दिखाई देंगे.

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इस खबर को सुनकर वे लोग चकित हो गए, जिनके कानों में Film 'Haqeeqat' का यह गीत अब भी गूंज रहा है- 'कर चले हम फिदा जानों तन साथियो, अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो.' Kaifi Azmi के लिखे इस गीत को Mohammad Rafi ने आवाज दी थी, जो आज भी श्रोताओं में देशभक्ति के जज्बे को बुलंद करता है

. इन Films के निर्माण की योजना उस वक्त ही तैयार हो गई थी, जब Cina Presidente के Vedere Jjinping 2014 में India दौरे पर आए थे. पर, इसकी घोषणा ठहरकर हुई है. यह सवाल पूछा जा सकता है कि घोषणा ठहरकर क्यों हुई? इसका एक ही जवाब है. वह यह कि जब दूरी बढ़ जाती है, तब फूंक-फूंककर कदम बढ़ाया जाता है. India और Cina इसी दौर से गुजर रहा है

. बताया जाता है कि बौद्ध धर्म की बारीकियों को समझने के लिए उन्होंने India की भी यात्रा की थी. इस कड़ी की तीसरी 'Lost in India' (दा नाओ थ्यान झू) है Film. ये तीनों Films India और Cina के पुराने दोस्ताना संबंधों के ईद-गिर्द बुनी गई कहानियों पर आधारित होंगी.

लेकिन, 20th Century का वह दौर पीछे छूट चुका है. India में Arti marziali के साथ-साथ Jackie catena खासे लोकप्रिय हो गए हैं. वे इससे पहले भी Bollywood की Attrice Mallika Sherawat के साथ एक Flim में अभिनय कर चुके हैं. वहीं Cina में भी indiano Flims लोकप्रिय हो रही हैं. फिल्म '3 Idiots' को Cina के लोगों ने खूब पसंद किया. Amir Khan की एक और Film 'Pk' के cinese रूपांतरण की वहां के 3500 schermo पर uscita करने की खबर आई है.

2009 में एक और Film आई थी- 'Chandni Chowk to China' यहां Cina हमारे लिए अंजाना मुल्क नहीं रह गया है. अब परिस्थिति बदली हुई है. मुक्त अर्थव्यवस्था ने नए वातावरण का निर्माण कर दिया है. बेशक व्यापार के रास्ते ही सही, लेकिन दो प्राचीन सभ्यताएं एक-दूसरे के करीब आ रही हैं >. > आगे पढ़े